सुकून से रहना चाहते हैं किराए के घर में? तो Rent Agreement में जरूर शामिल कराएं ये 10 चीजें
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Sat, Oct 05, 2024 02:47 PM IST
आज के वक्त में घर खरीद पाना आसान नहीं. ऐसे में अधिकतर लोग किराए पर रहना पसंद करते हैं. हालांकि, किराए पर घर लेने पर आपको मकान मालिक के साथ एक रेंट एग्रीमेंट करना होता है. जब भी किसी रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Property) को किराए पर दिया जाता है तो लैंडलॉर्ड (Landlord) यानी घर का मालिक रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) में जरूरी क्लॉज़ शामिल करवाता है, ताकि किराएदार (Tenant) उसे धोखा ना दे सके. कई बार लोग रेंट एग्रीमेंट में कुछ गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से बाद में उन्हें दिक्कत होती है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्वाइंट्स के बारे में, जिन्हें किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में जरूर शामिल करवाना चाहिए.
1/10
1- कितना रेंट है घर का?
किसी भी रेंट एग्रीमेंट का सबसे अहम प्वाइंट होता है किराए की रकम. रेंट एग्रीमेंट में किराए की रकम बिल्कुल सही होनी जरूरी है. आपको यही पैसा चुकाना होता है. अगर सही राशि एग्रीमेंट में ना लिखी हो तो इससे आपके और मकान मालिक के बीच दिक्कत हो सकती है. यह पहले से तय होना जरूरी है कि रेंट में मेंटेनेंस फीस, पार्किंग चार्ज जैसी चीजें हैं या नहीं.
2/10
2- सिक्योरिटी डिपॉजिट
तमाम लैंडलॉर्ड की तरफ से किराएदार से एक सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाता है, ताकि अगर उसकी वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हो तो उसकी भरपाई की जा सके. इससे लैंडलॉर्ड को यह भी फायदा होता है कि अगर किराएदार अपना किराया चुकाने से चूकता है तो सिक्योरिटी डिपॉजिट से वह पैसा काट लिया जाएगा. वैसे तो सिक्योरिटी डिपॉजिट के अमाउंट को रेंट एग्रीमेंट में भी दिखाया जाता है, लेकिन एग्रीमेंट बनवाते वक्त उसे वापस लेने की बात भी जरूर लिखवाएं. किराएदार को रेंट एग्रीमेंट में यह बात शामिल करवानी चाहिए कि जब वह प्रॉपर्टी छोड़ेगा तो उस वक्त लैंडलॉर्ड सिक्योरिटी डिपॉजिट का अमाउंट उसको वापस करेगा. अगर किराएदार की वजह से प्रॉपर्टी को कोई डैमेज हुआ हो तो उसे इसमें से एडजस्ट किया जा सकता है.
TRENDING NOW
3/10
3- लॉक इन पीरियड और रेंट एग्रीमेंट टर्मिनेशन
रेंट एग्रीमेंट में दोनों ही पार्टी को एक जितना वक्त मिलना चाहिए, जिसमें घर छोड़ने का नोटिस दिया जा सके. किराएदार को अपने हिसाब से रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड पर नेगोशिएशन करना चाहिए. कुछ रेंट एग्रीमेंट में लॉक-इन पीरियड भी होता है, जिसके तहत वह रेंट एग्रीमेंट उससे पहले टर्मिनेट नहीं हो सकता. ऐसे में अगर किराएदार बीच में ही घर छोड़ता है तो भी उसे पूरे वक्त के पैसे चुकाने पड़ेंगे. कमर्शियल प्रॉपर्टीज में लीज़ डीड बनाते वक्त अक्सर इस तरह की शर्तें रखी जाती हैं. हालांकि अगर आप रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी ले रहे हैं तो उसमें इस तरह की शर्तों से बचना चाहिए और अगर ऐसी शर्त हो तो उसे हटाना चाहिए. अगर यह तय है कि आपको लंबे वक्त के लिए वहां रहना है और उससे पहले घर नहीं छोड़ना है तो आप रेंट एग्रीमेंट में लॉक इन पीरियड को शामिल भी करवा सकते हैं.
4/10
4- सामान्य टूट-फूट
एग्रीमेंट में यह साफ होना चाहिए कि किस तरह के नुकसान के लिए किराएदार जिम्मेदार होंगे. रेंट एग्रीमेंट में यह क्लॉज़ जरूर शामिल करवाएं कि सामान्य टूट फूट के लिए किराएदार की जिम्मेदारी नहीं होगी, सिर्फ बड़े नुकसान पर ही किराएदार को पैसे चुकाने होंगे. लंबे वक्त तक कहीं रहने पर वहां कुछ सामान्य तरह की टूट-फूट भी होती हैं, जिनका पैसा किराएदार को चुकाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए.
5/10
5- घर में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी लिस्ट
जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो उसमें घर में मिल रही सुविधाओं की पूरी लिस्ट शामिल जरूर करवाएं. घर में दिए जा रहे तमाम उपकरणों को इसमें शामिल कराएं. ऐसा अगर नहीं होगा तो आपको दिक्कत हो सकती है. हो सकता है आपको शुरुआत में कम सुविधाएं दी गई हों, लेकिन किसी गलतफहमी की वजह से लैंडलॉर्ड को लग सकता है कि आपको ज्यादा सुविधाएं दी गई थीं. ऐसे में लैंडलॉर्ड आपसे उन उपरकरणों की रिकवरी कर सकता है, जो उसे देखने को नहीं मिलेंगे. उदाहरण के लिए हो सकता है कि आपको सिर्फ एक बाथरूम में गीजर की सुविधा मिली हो, लेकिन बाद में लैंडलॉर्ड कह सकता है कि उसने दोनों बाथरूम में गीजर दिया था.
6/10
6- कोई बकाया ना रहे
जब आप रेंट एग्रीमेंट बनवाएं तो ध्यान रखें कि आप जो घर किराए पर ले रहे हैं, उस पर कोई भी बकाया बिल ना हो. यह बिजली का बिल हो सकता है या सोसाएटी का मेंटेनेंस हो सकता है या फिर पानी आदि का बिल हो सकता है. अगर शुरुआत में ही आप इसे लेकर नियम तय नहीं करेंगे तो हो सकता है कि इसका भुगतान भी आपको ही करना पड़े.
7/10
7- रीन्यूअल और किराए में बढ़ोतरी
8/10
8- रेंट एग्रीमेंट बनवाने का खर्च
9/10
9- प्रॉपर्टी का इस्तेमाल
10/10